बस अट्टहास कहते हैं मुस्कान तो मुस्कान होती है। बस अट्टहास कहते हैं मुस्कान तो मुस्कान होती है।
31 अक्टूबर को जन्मे, लौह पुरुष कहलाये। 31 अक्टूबर को जन्मे, लौह पुरुष कहलाये।
आ खुुब लड़ी मर्दानी थीं आअमृता बिश्नोई हीं थीं। आ खुुब लड़ी मर्दानी थीं आअमृता बिश्नोई हीं थीं।
एक दिन मैं भी दुल्हन बनकर जाऊँगी। पर, सदियों पुरानी जंजीरों को, जब मैं तोड़ पाऊँ एक दिन मैं भी दुल्हन बनकर जाऊँगी। पर, सदियों पुरानी जंजीरों को, जब मैं...
मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने....... मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने.......
व्यक्ति एक का नहीं यह तो है , हमारे सारे ही भारत का सम्मान। व्यक्ति एक का नहीं यह तो है , हमारे सारे ही भारत का सम्मान।